मैं एच₀ डी₀ एफ₀ सी₀ के कुछ म्यूचल फंड का हिस्सेदार हूँ और मैं आपका ध्यान कुछ विशेष बातों की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ ।
मैंने कुछ माह पूर्व टैक्स सेवर म्यूचल फंड की सिप (SIP) प्रारंभ कराने हेतु एक अर्जी भेजी थी । अर्जी के जवाब में आपकी ओर से स्पष्ट रूप से दर्शाया गया कि आपके हस्ताक्षर नहीं मिल रहे हैं अत: आपकी सिप प्रारंभ करने की अर्जी खारिज की जाती है। आपको पुन: हस्ताक्षर ठीक करते हुए एक नवीन अर्जी भेजनी पड़ेगी । मैंने इस विषय में अभी तक कोई अर्जी पुन: नहीं भेजी है। मुझे अत्यंत खेद इस बात का है कि मेरी सिप आपके द्वारा दी गई दलीलों के प२चात् भी प्रारंभ कर दी गई।
अगर किसी ग्राहक के हस्ताक्षर नहीं मिल रहे हैं तो आप किस IPC धारा के तहत म्यूचल की सिप प्रारंभ कर दी । ग्राहक को बिना अवगत कराए आप किस आधार पर म्यूचल फंड की सिप प्रारंभ कर सकते हैं?? IPC धारा के तहत आपकी कं. पर 420 का मुकदमा बनता है कि आपकी कं. ने ग्राहक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए उसे गुमराह किया ।
अगर मेरे हस्ताक्षर मिल भी जाते और सिप चालू भी हो जाती और मेरे बैंक के खाते में उचित धन राशि न होती तो आपकी कं. के द्वारा मुझ पर आर्थिक दंड लगाया जाता। उपर्युक्त संदर्भ में अब आपकी कं. पर भी आर्थिक रूप से दंड बनता है।
इस संदर्भ में ग्राहक उपभोगता फॉरम / संचार माध्यम से सहायता प्राप्त करने के प२चात् सभी भारतीयों को आपके द्वारा की गई घपले-बाजी के बारे में अवगत कराने के बारे में मैं विचाराधीन हूँ।
कृपया मुझे उपर्युक्त विषय के बारे में स्पष्ट करें कि किस आधार पर आपने सिप प्रारंभ की है ।
नोट :- स्पष्टीकरण हेतु अर्जी दिनांक 10.10.12 को भेजी गई है लेकिन अभी तक ग्रहाक को कोई भी जवाब नहीं दिया गया और न ही किसी प्रकार का दूरभाष से संपर्क साधा गया ।
धन्यवाद
भवदीय
हुकम सिंह